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Thursday 26 December 2019

52 .शायरी 

दुनिया मगन थी खुशियों में ,
हम दर्द को गले लगा बैठे ।
जीने की उम्मीदों में जाने क्यों 
दर्द को दवा समझ बैठे ।
जय माता दी मित्रो ,मेरी रचना जोधपुर से प्रकाशित 8/4/19 दैनिक नवज्योति में प्रकाशित ,आभार संपादक मंडल 💐

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