61 ,may
💐शुभ संध्या मित्रो जय श्री कृष्ण 💐
सवाल ही सवाल है जिंदगी
जवाब का पता नहीं
फिर स्त्री के लेखन पर बवाल क्यों ?
ये जिंदगी हमारी ,
ये साँसें भी हमारी ,
फिर जिंदगी में इतनी शर्तें क्यों ?
ये दिल हमारा ,
ये जज्बात हमारे
फिर जीवन में इतने सवालात क्यों ?
ये आँखें हमारी ,
ये सपने भी हमारे
फिर आँखों मे इतने आँसू क्यों ?
यूँ तो औरत हूँ मैं
सृष्टि की रचियता भी ,
फिर मेरे जीवन पर इतने सवाल क्यों ?
वर्षा वार्ष्णेय अलीगढ़
सवाल ही सवाल है जिंदगी
जवाब का पता नहीं
फिर स्त्री के लेखन पर बवाल क्यों ?
ये जिंदगी हमारी ,
ये साँसें भी हमारी ,
फिर जिंदगी में इतनी शर्तें क्यों ?
ये दिल हमारा ,
ये जज्बात हमारे
फिर जीवन में इतने सवालात क्यों ?
ये आँखें हमारी ,
ये सपने भी हमारे
फिर आँखों मे इतने आँसू क्यों ?
यूँ तो औरत हूँ मैं
सृष्टि की रचियता भी ,
फिर मेरे जीवन पर इतने सवाल क्यों ?
वर्षा वार्ष्णेय अलीगढ़
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