122,
#शर्म करो ऐसे प्यार पर #😢😢
*भाग्य भी दुर्भाग्य में बदल जाता है ,
जब रिश्ता जायज और नाजायज कहलाता है ।*
*क्यों कसूरवार कहलाते हैं ये मासूम
जिनका जन्मदाता ही कूड़े में फेंक जाता है ।*
त्रासदी कहें या अपना मनोरंजन ,
क्यों एक अबोध हर पल ठोकरें खाता है ।*
कोई तड़फता है एक बच्चे के लिए ताउम्र ,
कोई बच्चे को यूँ मरने को छोड़ जाता है ।*
वर्षा वार्ष्णेय अलीगढ़
*भाग्य भी दुर्भाग्य में बदल जाता है ,
जब रिश्ता जायज और नाजायज कहलाता है ।*
*क्यों कसूरवार कहलाते हैं ये मासूम
जिनका जन्मदाता ही कूड़े में फेंक जाता है ।*
त्रासदी कहें या अपना मनोरंजन ,
क्यों एक अबोध हर पल ठोकरें खाता है ।*
कोई तड़फता है एक बच्चे के लिए ताउम्र ,
कोई बच्चे को यूँ मरने को छोड़ जाता है ।*
वर्षा वार्ष्णेय अलीगढ़
No comments:
Post a Comment