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Thursday 26 December 2019

54 ,प्रकाशित 

जय माता दी मित्रो 💐💐
बेटी बचाओ ,बेटी पढ़ाओ ।
आज जिधर देखो उधर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के पोस्टर और टैगलाइन दिखाई दे जाती हैं ।आज हमारी सरकार देश की आधी आबादी को साथ लेकर चल रही है ,ये बहुत ही गौरव की बात है ।आज जिस तरह लड़के लड़कियों के अनुपात में अंतर आ रहा है उसे देखकर लगता है यदि कन्या भ्रूण हत्या पर सख्ती के साथ कार्यवाही न की गई तो हालात भयंकर हो सकते हैं ।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम के असफल होने के बहुत सारे गंभीर कारण हैं।क्या सिर्फ ऐसा कहने से ही या पोस्टर लगाने से हमारी जिम्मेदारी पूरी हो जाती हैं ।क्या कभी आपने सोचा है कि एक माता पिता अपनी कन्या को जन्म देने से पहले ही क्यों मार देना चाहते हैं ?आइए कुछ कारणों पर एक नजर डालते हैं ।
1 दहेज . हमारे समाज का सबसे बड़ा अभिशाप है । दहेज के अभाव में आज भी सुन्दर और शिक्षित कन्या होने के बाद भी अच्छा घर वर मिलना असम्भव प्रतीत होता है । जिस समाज में कन्या से ज्यादा दहेज की बात सबसे पहले होती हो , वहां कोई लड़की कैसे खुश रह सकती है । हमारे समाज में आये दिन दहेज को लेकर वीभत्स घटनाएं होती रहती हैं जिससे माता पिता के दिल में एक डर रहता है कि यदि हमारे पास दहेज नहीं हुआ तो क्या करेंगे ।
2 वंशवाद .आज भी लड़की के जन्म से ज्यादा लड़के के जन्म पर खुशियां मनाई जाती हैं । हमारा समाज कितना भी शिक्षित हो जाये लेकिन लड़के की बात पर पुरानी सोच ही रखता है । यदि किसी के बेटा न हो तो इसका जिम्मेदार भी एक औरत को ही समझा जाता है जबकि विज्ञान भी इस बात को स्वीकार चुका है कि लड़की और लड़का सब पुरुष पर निर्भर करता है । घर की बुजुर्ग औरतें भी लड़का न होने के लिए एक औरत को ही दोषी मानती हैं ।एक औरत और मां होने के बाद भी वो इस घृणित कार्य के लिए जोर डालती हैं ।
3.समाज की भयानक स्थिति .आज हमारा समाज जिस दौर से गुजर रहा है ,वहां लड़कियों की सुरक्षा को लेकर अनेक सवाल उठते हैं ।अधिकतर लोगों की मानसिकता दूषित होती जा रही है । एक माह से लेकर 80 साल तक की औरत अपने ही घरों में सुरक्षित नहीं है । इस माहौल को देखकर माता पिता के मन में हर समय एक उलझन रहती है । लड़की की सुरक्षा को लेकर जितने भी दावे होते हैं वो घर से निकलते ही सिर्फ एक नमूना नजर आते हैं ।
जिस देश में कन्या पूजन किया जाता है उसी देश में कन्या भ्रूण हत्या भी जायज मानी जाती है ।उपरोक्त कारणों के अलावा और भी बहुत सारे कारण हैं जो आज भी बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम की हंसी उड़ाते नजर आते हैं । आज सरकार को कुछ कड़े कानून बनाने की जरूरत है जिससे इस अभियान को सफल बनाया जा सके और देश की आधी आबादी को सुरक्षित बनाया जा सके ।
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बेटियां आधार है इस पावन सृष्टि का ,
बेटियां आभार हैं प्रभु की भक्ति का ।
दोगलापन निराधार करना ही होगा ,
बेटियां भार नहीं संसार है ममता का ।
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वर्षा वार्ष्णेय अलीगढ़

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