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जय श्री कृष्ण मित्रो ,विश्व पर्यावरण दिवस की बधाई , यदि किसी काम को दिल में पूरा करने की चाहत हो तो रास्ते भी निकल आते हैं। पेड़ काटने की बजाय उनकी सुरक्षा के उपाय सोचें ।
अटूट सत्य फिर भी दुनिया प्रेम को छोड़कर नफरत में जी रही है ।
सब कुछ बदल रहा है ,
लेकिन मैं आज भी खुद को वहीं पाती हूँ जहाँ खुद को छोड़ आई थी
जाने क्यों???
लेकिन मैं आज भी खुद को वहीं पाती हूँ जहाँ खुद को छोड़ आई थी
जाने क्यों???
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