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Saturday 28 December 2019

73,

#वक्त के तराजू पर नसीब को तरसते हुए देखा है .........*

  • किताब छापन को पैसे नहीं,
    न ही सिफारिश कवि सम्मेलन की।

    लेखन तो है जलजला
    क्या करेगा गरीब। 
24 MAY

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