95.जय श्री कृष्ण मित्रो आपका दिन शुभ हो ।
##कल 15 अगस्त ,रक्षा बंधन के शुभ अवसर पर कृष्ण जी ने मेरी बचपन की मुराद (जन्मभूमि पर जाकर उनको राखी बांधने की इच्छा) पूरी की ।गर्भ गृह में पहुंचकर ऐसा लगा जैसे आज मैंने सब कुछ पा लिया ।आँखों से सुख दुःख दोनोँ के मिश्रित आँसू खुद ब खुद बहने लगे ।15 अगस्त हमारी गोदभराई दिवस भी है ।ईश्वर की लीला भी विचित्र है , जो काम जिस वक्त लिख रखा है तभी पूर्ण होता है ।गोद भराई के 30 साल बाद मेरा सपना कृष्ण जी ऐसे पूरा करेंगे कभी सोचा भी नहीं था ।हम लोग जैसे ही मंदिर पहुँचे हमें देखकर पंडितजी ऐसे खड़े हो गए जैसे मेरे भाई कृष्ण ने उनको बता दिया हो ।उनका उठकर हमसे माला लेना और कृष्ण जी को झट से पहनाना ,फिर मेरी राखी को कृष्ण जी की कलाई पर रखना और भोग लगाना मेरे मन को दुनिया का सबसे बड़ा आनंद दे गया । थोड़ी देर वहीं बैठ गयी और कृष्ण जी को निहारती रही । मेरे पतिदेब की भी बहुत आभारी हूँ जो कोई और साधन न मिलने पर मुझे मथुरा activa से लेकर गए और मेरी दिली इच्छा पूरी की ।
No comments:
Post a Comment