Followers

Monday 30 December 2019

121.


"#जहाँ जीने का अंदाज ही सिर्फ पैसों पर चलता हो ,
          ***उन्हें रिश्तों पर नाज करना कब आता है ।
          **** बिखर जाते हैं अक्सर वो जज्बात एक पल में,
           ****सदियों का जिनसे गहरा नाता हो ।#
वर्षा वार्ष्णेय अलीगढ़"
#जहाँ जीने का अंदाज ही सिर्फ पैसों पर चलता हो ,
***उन्हें रिश्तों पर नाज करना कब आता है ।
**** बिखर जाते हैं अक्सर वो जज्बात एक पल में,
****सदियों का जिनसे गहरा नाता हो ।#

वर्षा वार्ष्णेय अलीगढ़

No comments:

Post a Comment